कही पर्वत झुके भी है कही दरिया रूके भी है लिरिक्स
कही पर्वत झुके भी है, कही दरिया रूके भी है, नहीं रूकती रवानी है, नहीं झुकती जवानी है।। गुरू गोबिंद...
Read moreकही पर्वत झुके भी है, कही दरिया रूके भी है, नहीं रूकती रवानी है, नहीं झुकती जवानी है।। गुरू गोबिंद...
Read moreजान रहे ना रहे देश ज़िंदा रहे, मौत हो सामने ना डरो, बचाने में वतन की लाज, तू लड़ जाना...
Read moreमनुष्य तू बडा महान है, धरती की शान तू है, मनु की संतान, तेरी मुठ्ठियों मे बंद तूफान है रे,...
Read moreसरहद तुझे प्रणाम, सरहद तुझें प्रणाम।। देश की रक्षा धर्म हमारा, देश की सेवा कर्म हमारा, गूंज उठेगा जल थल...
Read moreरक्त शिराओं में राणा का, रह रह आज हिलोरे लेता, मातृभूमि का कण कण तृण तृण, हमको आज निमंत्रण देता।।...
Read moreयह कल कल छल छल बहती, क्या कहती गंगा धारा, युग युग से बहता आता, यह पुण्य प्रवाह हमारा, यह...
Read moreभारत की इस पुण्य धरा पर, शुभ परिवर्तन लायेगें, सारे दोष हटायेंगे, सारे भेद मिटायेंगे, सारे दोष हटायेंगे, सारे भेद...
Read moreतेरी मिट्टी में मिल जावा, तलवारों पे सर वार दिए, अंगारों में जिस्म जलाया है, तब जाके कहीं हमने सर...
Read moreउठो जवान देश के, वसुंधरा पुकारती, ये देश है पुकारता, पुकारती माँ भारती।। रगों में तेरे बह रहा है, खून...
Read moreहिन्द देश के निवासी सभी जन एक हैं, रंग रूप वेष भाषा चाहे अनेक हैं, हिंद देश के निवासी सभी...
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