बांदरी ही विने खा गयो बिच्छु पातर पटरानी पद पाई
बांदरी ही विने खा गयो बिच्छु, दोहा - १५३५ मे हाडी तजीया शरीर, जौहर जगती जाल में, कूद गई धर...
Read moreबांदरी ही विने खा गयो बिच्छु, दोहा - १५३५ मे हाडी तजीया शरीर, जौहर जगती जाल में, कूद गई धर...
Read moreघनन घननन घंटा बाजे, चामुण्डा के द्वार पर, रूके यहाँ पर कालरात्रि, चंडमुंड को मार कर, रूके यहाँ पर कालरात्रि,...
Read moreजय महावीर मेवाड़ धरा महाराणा, एकलिंग दिवान थाने, शत् शत् प्रणाम थाने, प्रण लिया वारया नित प्राण रे, जय महावीर...
Read moreबली पे चढ़ायो बेटो लाड़लो, दोहा - जाय मशाना झाल दे, मात लाल की लाश, उजड वन में भटक रही,...
Read moreपन्ना रा पिता हरचंद, हाकला गोत कहाया, फौज मेवाड़ मे झुंजायारण, खेतर काम मे आया, पास चितौड़ गढ रे, गाँव...
Read moreअजमलजी रे आंगन माई, सखीया मंगला गावे। खम्मा खम्मा ओ म्हारा, रूनीचे रा धणीया, थाने तो ध्यावे आखी मारवाड़ ओ,...
Read moreसुगना रा आंसूडा पोछया, रामदेव सिर हाथ धरयो, भानु ने आवाज लगायी, सुतो वे तो जाग परो, आव आव म्हारा...
Read moreधोरां धरती माय धणी रो, मिन्दर बनीयो भारी, दूर देश सु आवे जातरी, दर्शन ने नर नारी, चरणा मे धोक...
Read moreपाँच पीर मक्का सु आया, पाँच पीर मक्का सु आया, खम्मा खम्मा खम्मा, ओ कंवर अजमाल रा, थाने तो पूजे...
Read moreसेठ बोयतो टेर लगाई, सेठ बोयतो टेर लगाई, थाने समंदर माई, डूबे म्हारी नाव बापजी, देवो जीव बचाई, मत न...
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