रसीया बालम री कथा राजस्थानी कथा लिरिक्स
रसीया बालम री कथा, रसीया बालम री कथा लिखित, दोहा - आबू तू ऊंचो घणो ने पितल हंदी पाल, आबू...
Read moreरसीया बालम री कथा, रसीया बालम री कथा लिखित, दोहा - आबू तू ऊंचो घणो ने पितल हंदी पाल, आबू...
Read moreचार पंडित काशी से आया, चारों वेद पढ़ आया जी, चार पँडित काशी से आया, चारों वेद पढ़ आया जी,...
Read moreजोबन धन पावना दिन चारा जी, दोहा - आया था किस कारणे, ने सोया चादर तान, एक दिन जम ले...
Read moreकवारी होती तो पीपल पुजती, लागो हथलेवा रो पाप, कवारी होती तो पिपल पुजती, लागो हथलेवा रो पाप, छोडे ने...
Read moreराम सरीका पति हमारे लखन सरीका देवर, अयोध्या राज करता म्हारा राम भरतारी, आयोध्या राज करता म्हारा राम भरतारी।। राम...
Read moreक्यों भुला जग सारा, अमे ओ आद पुरूष से माया उपजी, उन मुन मे विसतारा आ, ब्रह्म विष्णु महेश्वर देवा,...
Read moreइंच्छा पोर धरी धन काया, इंच्छा पोर धरी धन काया, डरता ही नाम दिखाया ए हा, सूतो जीव अचेत नींद...
Read moreम्हारी सुरता सुहागन नार, कुवारी क्यों फिरे, मारी घणी समझनी नार, कुवारी क्यु फिरे, घणी समझनी नार, कुवारी क्यु फिरे,...
Read moreउक ने टूको रे ओ माय कवरिया, उक ने टूको रे ओ माय, टूक रे टूके रे दिवलीया, क्यु बले...
Read moreइन रे काया रो हिण्डोलो रचीयो, डगमग झोला खाये रे मनवा, चेती चालो ओ भाई रे, चेते ने चालो बीरा...
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