कूपा रो नीर किन विद सूखे जी भजन लिरिक्स
कूपा रो नीर किन विद सूखे जी, दोहा - संत बडे परमार्थी, और शीतल ज्यारा अंग, तपत बूजावे ओरो की,...
Read moreकूपा रो नीर किन विद सूखे जी, दोहा - संत बडे परमार्थी, और शीतल ज्यारा अंग, तपत बूजावे ओरो की,...
Read moreकलश माई कला, नेजा रे माई नूर। दोहा - रामा सामा आवजो, कलजुग बहे रे करू, अरज करू अजमाल रा,...
Read moreसोना री कुंडी राजा, रूपा री जारी, गोपीचन्द राजा, नाया री डीकरा, माता रा लाला, ए गोपीचन्द राजा, अरे स्नान...
Read moreगुरू मारा परस पवन वस किना, सायर वारी लेरा करे, हंसलो री दुर्गम हंसला जाणे, हंस हिरा रा मोल करे...
Read moreहोई जाओ संत, सुधारो थारी काया जी, अपने धनियोरा मार्ग झीणा है, ओ रावल माल, समझ्योडा वो तो, जीनो रे...
Read moreओ गोरे धोरा री धरती रो, पिचरंग पाडा री धरती रो, पितल पाथल री धरती रो, मीरा कर्मा री धरती...
Read moreजे थारो मनवो कयो नी मोने, दोहा - कहे संत संग्राम राम ने, भूलो किकर, भूलीया भूंडी होवसी, माजनो जासी...
Read moreशंकर रो अवतार रे, दोहा - शिव समान दाता नहीं, विपत विदारन हार, लजीया मारी राखजो, शिव नंदी के असवार।...
Read moreजो आनंद संत फकीर करे, दोहा - संत मिलन को जाईए, तज माया अभिमान, ज्यो ज्यो पग आगे धरे, कोटी...
Read moreनाथ जी तो बोले गुरु गम री वाणी रे, बाबोजी बोले गुरु गम री वाणी रे, छानीयोडा दूध छानीयोडा पानी...
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