नाथ जालन्धर तपधारी पहाडों में लीला है थारी लिरिक्स
नाथ जालन्धर तपधारी, दोहा - नाथ जालन्धर आपरी, महिमा अपरंपार, साचे मन सु जो कोई सिवरे, करजो बेडा पार। नाथ...
Read moreनाथ जालन्धर तपधारी, दोहा - नाथ जालन्धर आपरी, महिमा अपरंपार, साचे मन सु जो कोई सिवरे, करजो बेडा पार। नाथ...
Read moreकरदो निजरा निज भगता पर, आया थारे आंगन योगी, सिद्ध जालन्धर नाथ जी, करदों निजरा निज भगता पर, आया थारे...
Read moreअम्बाजी रो लाड़लो, दोहा - भगत खडा दरबार में, थारी चरना माय, दर्शन दीजो बापजी, म्हारी किजो खेतल सहाय। अम्बाजी...
Read moreअम्बाजी थारी मूरत सिंगारी, करूला मैया पूजा मै थारी, लागे रे थारी शोभा अति प्यारी, आवे रे थारे द्वारे नर...
Read moreफुटरो लागे जी मिन्दर, दोहा - भेरू भरजाला खेतला, नेे नगर सोनाला माय, देवल लागे फुटरो, म्हाने दुजो नी आवे...
Read moreआओ संतोषी मैया आंगने, दोहा - मेहर करो मैया मेरी, अरज सुनो माँ आय, हे संतोषी सहाय करो, थारे निव...
Read moreऊंचे पर्वत बनीयो देवरो, देव खेतला वालो जगत में, धाम बडो है निरालो ए हा, सोनाला मे मिन्दर भारी, देसुरी...
Read moreखिड़की मिन्दर री थारी, खोल दो खेतलाजी, आयो दर्शन ने थारे द्वार जे ए हा, सारंगवा नगरी रा, मोटा देवता...
Read moreसखी री मैं तो जाऊंगी, बाबा के पास, घूम रहा है इन अखियन में, घूम रहा है इन अखियन में,...
Read moreमैं तो भूली रे सरवरीया वाली पाल, गजरों लुम्बा रो, इनमें मोती जडीया दोई दोई चार, गजरों लुम्बा रो, इनमें...
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