गोपीचंद धर लो नी भगवा वेश
गोपीचंद धर लो नी भगवा वेश, भरथरी मामा से मिलनों रे।। हे गोपीचंद साल दुसाला ने छोड़, गुरु सा री...
Read moreDetailsगोपीचंद धर लो नी भगवा वेश, भरथरी मामा से मिलनों रे।। हे गोपीचंद साल दुसाला ने छोड़, गुरु सा री...
Read moreDetailsमात पिता गुरूवर के, सभी कर्जदार है, सारा संसार है, आज भी है और, कल भी रहेगा।। तर्ज - सौ...
Read moreDetailsमारी अटक्योडी फाईल ने, ओके करदो वो, उणा वाला देव धणी।। हो थारी चोखट पे, रोतो बिलखतो आयो वो, सरणा...
Read moreDetailsसांभर म शाकंभरी, मईया कौ फैमस धाम रै, लाख करौडूं पब्लिक जावै, लैती आवै नांम रै, सांभर म पूजगी रै...
Read moreDetailsकुण जाणे बाबोजी म्हाने, अइयाँ छोड़ चल्या जासी, ऐसा संत कोई बिरला ई होवै, बाबोजी याद घणा आसी।। तर्ज -...
Read moreDetailsऐड़ो कलयुग आयो, दोहा - समाज सुधारो समाज बणाओ, मत करो खेचा ताण, उम्र सारी बीतगी, भाई अब थोड़ो पाछो...
Read moreDetailsश्री राम रुणिचे वाला रे, अटकी भारत में नैया, पार लंगाज्या आज्या, पार लंगाज्या हो।। अटकी नाव समद में गोता,...
Read moreDetailsकन्हैया फोन लगा दे, गौशाला में, सुन ले मारी पुकार।। पग टेकण ने जगिया कोनी, तारबंदी रो खेत, तुड़ी डीपू...
Read moreDetailsतू है मेरा दाता में तुझसे कहुँ, तेरे दर्शन ना हो तो मैं केसे जीऊं, बालक हूँ तुम्हारा मेरे भोलेनाथ,...
Read moreDetailsमारी गत मिलती, देह के दाग लगायो, सुन सावत सुरा, हाथ थारे कई आयो।। थारी बचगी सुन्दर जान, करे मत...
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