सांची थारी सकलाई जी सांगलपति महाराज
सांची थारी सकलाई जी, सांगलपति महाराज, तुम्हे दुनियां शीश नवाती रे।। तर्ज - पंख होते तो। संत यहा पर धूणी...
Read moreसांची थारी सकलाई जी, सांगलपति महाराज, तुम्हे दुनियां शीश नवाती रे।। तर्ज - पंख होते तो। संत यहा पर धूणी...
Read moreऐ मारो तो रखवालो मारो, तेजा जी महाराज रे, बिन मांग्या मनै सब कुछ दिदो, राखे मारी लाज रे, म्हारो...
Read moreसारे जग ने खायगी माया, अंग ने घुमाय के।। शिवजी था इक पूरा योगी, जिनकी काया सदा निरोगी, शिवजी की...
Read moreथाने कर मनुहार मनावा, बरवाड़ा वाली मैया, बरवाड़ा वाली मैया, ओ चौथ मारी मईया, थाने कर मनवार मनावा, ओ चौथ...
Read moreचार जुगा पहले ऐसा मंडाण था, नाम की पहचान कोई, संत बिरला पहचानता रै है जी।। चार महिनो चतर मासो,...
Read moreजागो नी मारा सेठ साँवरा, दुनिया दर्शन आई जी, दुनिया दर्शन आई मारा कान्हा, दुनिया दर्शन आई जी, जागों नी...
Read moreआव आव अजमल जी रा लाला, भक्त बुलावे रे, ओ बाबा थाने भक्त बुलावे रे, बाबा बेगो आव।। और सगा...
Read moreओ जगदम्बे अम्बे माय, तेरा गुण गायेंगे।। मैया मुकुट रूप धर आजा, मेरे मन का भ्रम मिटाजा, सत्संग में रंग...
Read moreजय श्री ओम बन्ना, म्हारा चोटिला सिरदार, जय श्री ओम बन्ना, म्हारा राठौड़ी सिरदार।। मरूधर में चोटिला गांव, जटे ओम...
Read moreमारवाड़ मरूधर री धरती, सोने जेडी़ खोंण अठे, इण मिट्टी में हीरा निपजे, स्वर्गों रो सिणगार अठे।। इण धरती पर...
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