धम धम सीता महले चढे सीता पुराण लिरिक्स
धम धम सीता महले चढे, दोहा - सतीया सत मत छोडजो, और सत छोड्या पथ जाय, सत री बांधी लक्ष्मी,...
Read moreधम धम सीता महले चढे, दोहा - सतीया सत मत छोडजो, और सत छोड्या पथ जाय, सत री बांधी लक्ष्मी,...
Read moreए पधारो मारा पूरबजी, आज का भजनो मे, वेगा आविजो, आवो मारा पूरबजी, आज री जागन मे, वेगा आविजो, अरे...
Read moreधीन घडी धीन भाग मारे, सतगुरु आविया रे, ओ मारे धीन घडी, धीन भाग।। अरे ऊंची पाल शब्द की, नीचो...
Read moreअरे मै तो जोवु रे, सावरिया थारी बाट। दोहा- सांवरा ने ढूँढन मै गई, ओर कर जोगन रो वेश, ढूँढत...
Read moreमारवाड़ रो बाणीयो, जायरे समंद री तीर रे, मिलीया धनी रामदेव, लुल लुल लागे पाव रे, अरे मारवाड़ रो बाणीयों,...
Read moreअरे क्यु नैणा भरमावे, थारे हाथ कबीरो नही आवे।। अमर लोक से आई अपसरा, गल मोतीयन की माला ओ, नाच...
Read moreसत री संगत गंगा गोमती, सुरसत काशी प्रयागा हो, लाखो पापीड़ा इणमे उबरे, डर जमड़ो भागा हो, सत रीं संगत...
Read moreसिमरुला शारद माय, सिमरुला सरस्वती, लागु गजानन्द पाय, गुरुजी ने निमण करु, अरे रंग मेल मे हाल, फुलड़ो री सेज...
Read moreनाथजी री अवलुडी में, कलपे कालजियों, ओतो दर्शन ने तडपे दौनु नैन, सिरेमंदर जावुला, म्हारा रोम रोम होग्या नैन, सिरेमंदर...
Read moreभाव ऱाखजो भक्ति, वेला नोम से मुक्ति, साधु सदानन्द भेला, ज्योरे क्या करे जम नेड़ा।। सतगुरु मिल्या पागी, मारी सुरता...
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