चाल सखी सत्संग में चाला सत्संग में सतगुरु आसी लिरिक्स
चाल सखी सत्संग में चाला, दोहा - तपस्या बरस हजार की, और सत्संग की पल एक, तो भी बराबर ना...
Read moreचाल सखी सत्संग में चाला, दोहा - तपस्या बरस हजार की, और सत्संग की पल एक, तो भी बराबर ना...
Read moreसरस्वती मैया शारदा ने सिमरू, सिमरूला देव गणेश, सरस्वती मैया थाने सिमरु, सिमरूला देव गणेश, सरस्वती मैया शारदा ने सिमरु।।...
Read moreठुमक ठुमक कर चालें भवानी, ले हातो तलवार, भवानी मेरी जगदम्बा, थारा बालकिया बुलावे, वेगा आवजो हो माँ।। घेर घुमेरो...
Read moreथाने कठे भालवा जाऊ रे, दोहा - राम नाम रटते रहो, जबतक घट में प्राण, कभी तो दीनदयाल के, भनक...
Read moreकैलाश का भोला लहरी, काल परण बा जावेगा, काल परनबा जावैगा, भोला काल परण बा जावेगा।। हाथी पे ना जावे...
Read moreम्हारी दादी जगत सेठाणी, म्हारो मौज करे परिवार, म्हारी दादी जी, मांग लेवा दादी से जद भी, मांग लेवा दादी...
Read moreकुण तो लाया तुम्बडा, दोहा - सत संगत आदी घड़ी, ओर आदी मे पुनिआध, तुलसी संगत संत री, कटे कोट...
Read moreअरे जालौरी रा नाथ, अर्ज म्हारी सुन लिजो, अरे भव सु करजो पार, लाज म्हारी रख लिजो, अरे सरेमंदर रा...
Read moreथारो सिंगार प्यारो लाग रियो, री मारी जगदम्बा, तारो सिंगार प्यारो लाग रियो।। शीश पे मैया तारे चुनर सोवे, माथा...
Read moreसुनले चौथ मात बरवाड़ा की, नैया पार लगा दे, मारा अटकया गाड़ा की।। राज सवाई जयपुर माई, माधोपुर सो नाम,...
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