रोज रोज का ओलमा क्यों ल्यावे म्हारा कानुड़ा
रोज रोज का ओलमा क्यों, ल्यावे म्हारा कानुड़ा।। भला घरा को लाडलो, बदनामी होवे र क़ानूडा, रोज रोज का ओलमा...
Read moreरोज रोज का ओलमा क्यों, ल्यावे म्हारा कानुड़ा।। भला घरा को लाडलो, बदनामी होवे र क़ानूडा, रोज रोज का ओलमा...
Read moreअर्जी थे म्हारी सुणलो रुनिचे रा धणिया, आवो पधारो म्हारे आंगणिया, ओ म्हारे आंगणिया, अजमाल जी रा कंवरा, अर्जी थे...
Read moreमेहंदी राचण लागी हाथा में, माजीसा रे नाम री, आई शुभ घडी देखो, म्हारे आँगन आज री, आई आई रे...
Read moreमत कर भोली आत्मा, आ नुगरा रो संग रे, नुगरा रा संग में, थारो गयो जमारो हार रे, मत कर...
Read moreगुरु कथन ने ऊ नही माने, मनमानी रे करनी ने करतो, उस मालिक ने दोष मत दीज्यो, कर्मा रा र...
Read moreबंधन काट किया निज मुक्ता, सारी विपत निवारी, मारा सतगुरु ने बलिहारी।। वाणी सुणत प्रेम सुख उपज्यो, दुरमति गई हमारी,...
Read moreकेसर वाली जोता या, बिलाड़ा माई सोवणी, अररर चालो रे, बिलाड़ा आई धाम में।। भादरवा री बीज रो, आई जी...
Read moreझीणी झीणी चांदनी में, ओल्यूं आवै रे। दोहा - काजलियै री रेख स्यूं, पाती लिखूं सजाए। आणो व्है तो आन...
Read moreरणतभवंर सु आविया ओ बाबा दुन्डाला, कोई ले रिद्ध सिद्ध ने साथ, रिद्ध सिद्ध करो बिनायक सुंडाळा।। चौकी घालां बेसणी...
Read moreम्हारी मावड़ली को आयो है सन्देश, ले चालो म्हाने पिहरिये, ले चालो म्हाने पिहरिये, म्हारी दादीजी को आयो है सन्देश,...
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