नर रे नारण री देह बनाई नुगरा कोई मत रेवना राजस्थानी भजन
नर रे नारण री देह बनाई, नुगरा कोई मत रेवना । श्लोक - नुगरा मनक तो मिलो मति, पापी मिलो...
Read moreनर रे नारण री देह बनाई, नुगरा कोई मत रेवना । श्लोक - नुगरा मनक तो मिलो मति, पापी मिलो...
Read moreआधु आधु पंथ निवन पथ मोटो, साधु संगत वाली करिया, विना भजन कुन तिरिया।। श्लोक - नीवन बड़ी संसार में,...
Read moreभरदे मायरो साँवरिया, नानी बाई लागे, नानी बाई लागे, सारी दुनिया ने बता दे, मेरो भाई लागे।। बाबुल म्हारो भोलो...
Read moreझोली भर दे या म्हारी झोली भर दे, ओ म्हारा श्याम धणी दातार, म्हारी झोली भर दे।। तर्ज - एक...
Read moreबाला सा थाने कोण सजाया जी, म्हारे मनड़ो हर लीनो, थारी सूरत मतवारी।। श्लोक - उत्सव आप को आ गयो,...
Read moreमैं थाने सिवरू गजानन देवा, वचनों रा पालनहारा जी ओ।। श्लोक - सुंडाला दुःख भंजना, सदा जो वालक वेश, सारों...
Read moreवारि ओ गुरुदेव आपने बलिहारी, भवजल डूबत तारियो रे, म्हारा सतगुरु लियो रे उबारी, आप नी वेता जगत में तो,...
Read moreसुणो हे माँ टाबरियो री, आशा मनसा पुरो हो, घरे आवो गवरल माँ, हो देवो दरश दिखाए, थारे बिन जग...
Read moreएक बार आओ जी, बालाजी म्हारे आंगणा, थाने टाबरिया बुलावे घर आज, पधारो म्हारे आँगणिये।। तर्ज - एक बार आओ...
Read moreअंजनी माँ थारो लाल कठे, वो भक्ता रो प्रतिपाल कठे, वो संकट मोचन नाम कठे, दुनिया में बढ़ ग्यो पाप...
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