खेतारामजी रो मुकुंद घोड़ो घुंघरिया घमकावे
खेतारामजी रो मुकुंद घोड़ो, श्लोक:- मुकुंद घोड़ो नवलखो, और मोतिया जड़ी रे लगाम, जीन पर विराजे खेतारामजी, तो सारे भक्ता...
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Read moreदर्शन देवो ने आय, गुरुवर म्हारा खेतेश्वर महाराज, दर्शन करियासु थारा, दुखड़ा मिटेला म्हारा, पूरण हो मनकी आशा रे।। पुरोहित...
Read moreइंद्र राजा म्हारी अर्ज सांभलो जी, आप आया सबरा काज सरे रे, गाया वाली बेल पधारो पीर रामा जी।। ज्येठ...
Read moreम्हारा हरी निर्मोही रे, साँवरा जाय बस्यो परदेस, जाय बस्यो परदेस साँवरा, जाय बस्यो परदेस।। श्लोक - मीरा जनमी मेड़ते,...
Read moreभोलानाथ अमली जी, म्हारा शंकर अमली जी, जटाधारी अमली, बगिया मे भंगिया बूआय राखुली। भोलानाथ अमली जी, म्हारा शंकर अमली...
Read moreगुरु मिलिया आत्म राम, श्लोक - सतगुरु ऐसा कीजिए, दुखे दुखावे नाही, अरे पान फूल तोड़े नाही, वे रेवे बगीचा...
Read moreकान्हा थारे वास्ते, मोहन थारे वास्ते। जन्मा री प्रीत प्यासी, म्हारी थारे वास्ते, कान्हा थारे वास्ते, मोहन थारे वास्ते, थे...
Read moreरामसा लीले चढे ने वेगा आवजो । रामसा लीले चढे ने वेगा ।। पीरजी लीले चढे ने वेगा आवजो , ...
Read moreजो कोई जावे सत री संगत में, इनको खबर पड़ी है, सत्संग अमर जड़ी है।। श्लोक - सतगुरु के दरबार...
Read moreधीन माता धीन धरती, थने कदे ना देकी फिरती हो, धिन माता धीन धरती।। धरती रो धणी आप करन्ता, कई...
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