धिन धरती धिन समराथल रो धाम जी भजन लिरिक्स
धिन धरती धिन समराथल रो धाम जी, जम्भेश्वर रटियो हरि रो नाम जी, ऊंचों धोरो ऊजलो जठे जाम्भोजी विराजे जी,...
Read moreधिन धरती धिन समराथल रो धाम जी, जम्भेश्वर रटियो हरि रो नाम जी, ऊंचों धोरो ऊजलो जठे जाम्भोजी विराजे जी,...
Read moreदूदेश्वर पर्चा देवे गणेरा, मारे मन रा काज सरीजे जेरण में, मेलो महादेव रो भरीजे।। कैलाशपुरी से शंकर आया, संग...
Read moreजाग जाग नगरी का राजा, सुता शेर जगाया, नगर में जुना योगी आया।। पवन स्वरूपी रूप नही रेता, मन का...
Read moreमंदिर पर मोर बोले, मारो सांवरिया ना बोले, बोले तो मुरली घडई दूँ, मारा सांवरिया ना बोले, मंदिर पे मोर...
Read moreसुरता पकड़ चम्पा री डाल, दोहा - सोहंग शब्द प्रकाशियो, गुरु भेद दियो भरपूर, कर्म कटिया सांसा मिटिया, घट बीच...
Read moreमाया कमाई तूने मोकली रे, पण ईको काई करलो म्हारा यार, दो दिन को तू पावणो रे।। भागियो फिरे दिन...
Read moreधरती वीरा री, साखी - आ धरती शुरा वीरा री, आ धरती है रणवीरा री, इण धरती बाता मत पूछो,...
Read moreमाजीसा भगत बुलावे, बेगा आवजो माँ, राति जोगो देरायो, थोरे नाम रो माँ, राति जोगा माही, माजीसा जागन माही, ओ...
Read moreम्हारा सिरे मंदिर रा नाथ, थोरी महिमा अपरम्पार, थाने पूजे नर और नार, म्हारा पीरजी ओ म्हारा नाथजी।। थोरे मुख...
Read moreचालो रे भगतों सिरे मंदिर पर, दाता री ज्योत जगावा जी, पीरजी खुश होवेला, नाथजी खुश होवेला।। जद जद श्रावण...
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