खेल रचावियो रे दाता कुम्भकारी बण जाय
खेल रचावियो रे दाता, कुम्भकारी बण जाय, कुम्भकारी बण जाय दाता, कुम्भकारी बण जाय।। माटी रो मटकों महल बणायो, ब्रह्मा...
Read moreखेल रचावियो रे दाता, कुम्भकारी बण जाय, कुम्भकारी बण जाय दाता, कुम्भकारी बण जाय।। माटी रो मटकों महल बणायो, ब्रह्मा...
Read moreभाया किराया की झोपड़ी, थोड़ा दिन की, मत कर बाता भाया, भोला मन की, भोला मनकी रे भाया, भोला मनकी...
Read moreराम नाम जप मन, दोहा - काया ना आसी लार लोभिड़ा, माया ना आसी लार, लारे आवे वानें पकड़ो, होसी...
Read moreश्रीयादे का खेल निराला, दोहा - आदु शक्ति श्रीयादे, महिमा अपरम्पार महान, ब्रह्मा-विष्णु-महेश भी, है तेरे से अज्ञान। श्रीयादे का...
Read moreसेठ रे सांवरिया की, लीला निराली, भक्तां के घर चल जाई, कानुडा थारी, अजब लीला है न्यारी।। मात यशोदा लेकर...
Read moreश्रीयादे चालिसा पाठ, दोहा - बुध्दि में महान अन्दाता, गणपत सिमरुं नाथ, गुरु चरण में सिश नमाऊं, जोड़ु दोनों हाथ।...
Read moreघड़ियां हांड़ा कोई वो तपधारी जी, दोहा - दुनिया रचावे ब्रह्माजी और, विष्णु पालनहार, शंकर जी उद्धार करें है, करते...
Read moreमटको गजब घड़ियों रे कुम्हार, वणिमें राम समावे जी, राम समावे जी, वणिमें राम समावे जी।। उण मटकी में भरियो...
Read moreश्रीयादे की महिमा निराली, दोहा - कर में कुण्डल मन में माला, लेती हरि को नाम, ऐसी बणी भक्त मैया...
Read moreतन पे लगा मसाणी राख, दोहा - रमता जोगी भूतां संग में, जिनका धाम शमशान, गंगा धारी राख रमावे, शिव...
Read more© 2024 Bhajan Diary