हरी नाम का कर सुमिरण शक्ति मिल जाएगी भजन लिरिक्स
हरी नाम का कर सुमिरण, शक्ति मिल जाएगी, मोह माया के बंधन से, मुक्ति मिल जाएगी, हरी नाम का कर...
Read moreDetailsहरी नाम का कर सुमिरण, शक्ति मिल जाएगी, मोह माया के बंधन से, मुक्ति मिल जाएगी, हरी नाम का कर...
Read moreDetailsसत्संग बड़ी संसार में, कोई बड़भागी नर पाया।। संगत सुधरे वाल्मीकि, जग की परित् लगी फीकी, रामायण दी रच निकी,...
Read moreDetailsसतरी संगत म्हाने दीजो रे गुरूजी, दोहा - संत हमारी आत्मा, ने मै संतन की देह, रोम रोम में रमरया,...
Read moreDetailsसैया आज पूनम की है रात, गई रे सतसंगत में, सईयाँ आज पूनम की है रात, गई रे सतसंगत में,...
Read moreDetailsसत्संग वह गंगा है, जिसमे जो नहाते है, सत्संग वो गंगा है, जिसमे जो नहाते है, पापी से पापी भी,...
Read moreDetailsसत्संग करणी रे, सत्संग री महिमा, वेदा वरणी रे, सत्संग करनी रे।। सत्संग किनी मीराबाई, भोजा जी ने परणी रे,...
Read moreDetailsसतरी संगत सुख धारा, दोहा - सतसंग यु समझा रही, के ले सतगुरु री ओट, सतगुरु बिना मिले नही, बीरा...
Read moreDetailsसत्संग अमर जड़ी, जो कोई लाभ लियो सत्संग को, वाने खबर पढ़ी, जग में सत्संग अमर जड़ी।। नरसी सत्संग करी...
Read moreDetailsसत री संगत गंगा गोमती, सुरसत काशी प्रयागा हो, लाखो पापीड़ा इणमे उबरे, डर जमड़ो भागा हो, सत रीं संगत...
Read moreDetailsभरती होजा रे सत्संग में, थारो भाग खुलेला रे।। जनम मरण को देश परायो, मृत्यु वेला रे, सुंदर काया कंचन...
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