चाल सखी सत्संग में चाला सत्संग में सतगुरु आसी लिरिक्स
चाल सखी सत्संग में चाला, दोहा - तपस्या बरस हजार की, और सत्संग की पल एक, तो भी बराबर ना...
Read moreDetailsचाल सखी सत्संग में चाला, दोहा - तपस्या बरस हजार की, और सत्संग की पल एक, तो भी बराबर ना...
Read moreDetailsओढ़ चुनर मैं तो गई रे सतसंग में, साँवरियो भिगोई म्हने, गहरा गहरा रंग में, साँवरियो भिगोई म्हने, गहरा गहरा...
Read moreDetailsहिलमिल के सजन सत्संग करिये, सत्संग करिये भव से तिरिये, हिलमिल के सजन सत्संग करिए, सत्संग करिये भव से तिरिये।।...
Read moreDetailsबहे सत्संग का दरिया, नहा लो जिसका जी चाहे, करो हिम्मत लगा डुबकी, नहा लो जिसका जी चाहे, बहे सत्संग...
Read moreDetailsहिन्दो घलई दूँ सत्संग बाग में, ओ गुरूजी। दोहा - गुरु बीणजारा ग्यान रा, ने लाया वस्तु अमोल, सौदागर साचा...
Read moreDetailsगुरूजी बंद पड़ी, दिवला वाली रे ज्योत, दोहा - संत बुलाया आंगने, और गुरु उगमजी महाराज, बाई रूपादे वायक भेजिया,...
Read moreDetailsसंगत कीजै निर्मल, साध री मारी हैली, आवागमन मिट जाये, थारो जन्म मरण मिट जाये।। चन्दन उगो रे, हरिया बाग...
Read moreDetailsआवणो पड़ेला गुरूजी, आवणो पड़ेला, आज री सत्संग में थाने, आज री जागरण में थाने, आवणो पङेला।। पहला रे युगा...
Read moreDetailsजो कोई जावे सत री संगत में, इनको खबर पड़ी है, सत्संग अमर जड़ी है।। श्लोक - सतगुरु के दरबार...
Read moreDetailsभजन कर मस्त जवानी में, बुढ़ापा किसने देखा है, भजन कर मस्त जवानी मे, बुढ़ापा किसने देखा है।। कान से...
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