फिर से सावन की रुत आई लख्खा जी भजन लिरिक्स
फिर से सावन की रुत आई, मौका चूक ना जाना भाई, दरबार में भोले शंकर के, गंगा जल भरके चलो,...
Read moreफिर से सावन की रुत आई, मौका चूक ना जाना भाई, दरबार में भोले शंकर के, गंगा जल भरके चलो,...
Read moreमैं तो शिव की पुजारन बनूँगी, अपने भोले की जोगन बनूँगी, मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी, अपने भोले की...
Read moreशिवनाथ तेरी महिमा आ आ, शिव नाथ तेरी महिमा, जब तीन लोक गाये, नाचे धरा गगन तो आ आ, नाचे...
Read moreरे मन शिव का सुमिरण कर, शिव से आदि शिव से अंत है, शिव ही अजर अमर, रे मन शिव...
Read moreकैलाशपति संग लेके सती, मेरी नैया पार लगा जाना, इतनी विनती है ब्रम्ह्जति, गलती को मति तुम चित लाना।। तुम...
Read moreशिव की नजरो में वो स्मार्ट है, श्लोक - याद क्यूँ करता नहीं ऐ बावरे मन में, राम थे भगवान...
Read moreमैं तो दीवाना भोले का दीवाना, फिरता था एक पागल सड़को पे मारा मारा, फिरता था एक पागल सड़को पे...
Read moreभक्तो की भीड़ है अपार, भोले जी के मंदिर में।। भोले जी के मंदिर में, शंकर जी के मंदिर में,...
Read moreगले में सर्पो की माला, तन में बाघम्बर छाला, देवो में देव महान, बैठे लगा के बाबा ध्यान, डम डम...
Read moreडम डम डमरू बजाओ, कि भोले थोड़ा नाच के दिखाओ। ( तर्ज :- यू. पी. वाला ठुमका ) डम डम...
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