है प्रेम जगत में सार और कछु सार नहीं लिरिक्स
है प्रेम जगत में सार, और कछु सार नहीं।। देखे - रे मनवा प्रेम जगत का सार। मीरा का इकतारा...
Read moreDetailsहै प्रेम जगत में सार, और कछु सार नहीं।। देखे - रे मनवा प्रेम जगत का सार। मीरा का इकतारा...
Read moreDetailsचलो चलो सखी अब जाना, हरि भेज दिया परवाना।। एक दूत जबर चल आया, सब लश्कर लाव मंगाया, किया बीच...
Read moreDetailsआप आए हमारे आँगन में, स्वागतम स्वागतम मेरे प्रियतम, जो ख़ुशी है बयाँ करुँ कैसे, जो ख़ुशी है बयाँ करुँ...
Read moreDetailsआया हरियाली तीज का त्यौहार, महीना सावन का, बाँध घुंघरू नाचे बहार, महीना सावन का, आया हरियाली तीज का त्योहार,...
Read moreDetailsमन में खोट भरी और मुख में हरि, फिर मंदिर में जाने से क्या फायदा, मैल मन का धोया बदन...
Read moreDetailsम्हारा नाग देवता, कलयुग में डंका बाजे आपका, मारा नागदेवता, कलयुग में डंका बाजे आपका।। भक्ता री लाज बचावे, भगत...
Read moreDetailsभगवन साँची कहो ना, बिचारी है क्या, हाँ बिचारी है क्या, भगवन सांची कहो ना, बिचारी है क्या।। (केवट प्रसंग)...
Read moreDetailsकर्मो की है ये माया, कर्मो के खेल न्यारे, कर्मो से इस जहाँ में, क्या क्या अजब नज़ारे, क्या क्या...
Read moreDetailsकोई नहीं मात पिता के समान, जिनको भूल के हरि को ढूंढे, जिनको भूल के हरि को ढूंढे, है कैसा...
Read moreDetailsप्रभु कर सब दुख दूर हमारे, शरण पड़े हम दास तुम्हारे।। देखे - मुझे है काम ईश्वर से। सकल जगत...
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