ना जाने कौन से गुण पर दयानिधि रीझ जाते है लिरिक्स
ना जाने कौन से गुण पर, दयानिधि रीझ जाते है। दोहा - प्रबल प्रेम के पाले पड़कर, प्रभु को नियम...
Read moreDetailsना जाने कौन से गुण पर, दयानिधि रीझ जाते है। दोहा - प्रबल प्रेम के पाले पड़कर, प्रभु को नियम...
Read moreDetailsपाना है यदि प्रभु को, तो प्यार में मिलेगा, कण कण में ढूंढो प्यारे, कण कण में ढूंढो प्यारे, संसार...
Read moreDetailsमात पिता को पानी ना पूछे, भंडारे करवाते है, भाई का हक़ मार के बैठे, दानवीर कहलाते है।bd। तर्ज -...
Read moreDetailsना कर मान बंदेया, एक दिन मिट्टी में मिल जाना।। मिट्टी बिछा ले मिट्टी ओढ़ ले, मिट्टी का बना ले...
Read moreDetailsसत्संग में आकर के, जीवन सफल कर ले, मेरे मन कर जतन, सत वचन सुन ले।। तर्ज - ये रेशमी...
Read moreDetailsअन्त तरना अन्त तरना, अन्त तरणा रे, निज नाम का सुमरण करणा, अंतर तरना रे।। रूप स्वरूप कि बनी सुंदरी,...
Read moreDetailsसीता सीता पुकारे प्रभु वन में, कभी कलियों में ढूंढे कभी उपवन में, सीता सीता पुकारें प्रभु वन में।। पूछे...
Read moreDetailsतुम आये संसार में, जग हाँसे तुम रोये, ऐसी करनी कर चलो, तुम हाँसो जग रोये, ऐसी करनी कर चलो,...
Read moreDetailsकर दो कृपा छठ माँ, ओ मैया, कर दो कृपा छठ मां, करूँ मैं तेरा व्रत हर साल, तुझे पूजूँ...
Read moreDetailsआया भाई दूज त्यौहार, भईया घर आ जाओ, तेरी बहना देखे बाट, भईया घर आ जाओ।। तेरी याद में भईया...
Read moreDetails© 2024 Bhajan Diary