देखो आई बसंत मतवारी रे बसंत पंचमी भजन लिरिक्स
फागुन के रंग उड़े, पुरवा के संग चले, चुनड़ के संग उड़े साड़ी रे, देखो आई बसंत मतवारी रे, देखो...
Read moreDetailsफागुन के रंग उड़े, पुरवा के संग चले, चुनड़ के संग उड़े साड़ी रे, देखो आई बसंत मतवारी रे, देखो...
Read moreDetailsबैठी रही हवेली के, खोल के किवाड़। दोहा - जो मैं ऐसी जानती, प्रीत करे दुख होय, नगर ढिंढोरा पिटती,...
Read moreDetailsसुबह सुबह ले हरि का नाम, बन जाएंगे बिगड़े काम, सुबह सुबह लें हरि का नाम, कट जाएंगे कष्ट तमाम,...
Read moreDetailsदगा किसी का सगा नहीं है, किया नहीं तो कर देखो, जिसने जिसने दगा किया है, उसका जा के घर...
Read moreDetailsकृपा की दृष्टि मुझपे भी, अगर इक बार हो जाए, तो इस संसार से प्रभुवर, मेरा उद्धार हो जाए, कृपा...
Read moreDetailsमरना है तो एक बार मरो, फिर चौरासी में पड़ना क्या, हर बार का मरना मरना क्या, हर बार का...
Read moreDetailsभजन कम शोर है ज्यादा, कुछ तो रखो मर्यादा, जो भी गाना है गाओ सुर में, स्वर ईश्वर में ना...
Read moreDetailsकिसी के काम जो आये, उसे इंसान कहते हैं। दोहा - मंदिर में पूजा करो, तीर्थ करो हज़ार, दिल में...
Read moreDetailsगैया पुकारे है, कानुड़ा तेरी गैया पुकारे हैं, ये सांसे ओ मेरे गिरधर, अब हाथ तुम्हारे है।। तर्ज - हुस्न...
Read moreDetailsद्वारिका में रखा, सुदामा ने पहला कदम, उसी पल हो गई, आँखें कान्हा की नम, द्वारका में रखा, सुदामा ने...
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