वैष्णव जन तो तेने कहिये जे पीड़ परायी जाणे रे लिरिक्स
वैष्णव जन तो तेने कहिये जे, पीड़ परायी जाणे रे, पर दुख्खे उपकार करे तोये, मन अभिमान ना आणे रे,...
Read moreDetailsवैष्णव जन तो तेने कहिये जे, पीड़ परायी जाणे रे, पर दुख्खे उपकार करे तोये, मन अभिमान ना आणे रे,...
Read moreDetailsनाम जपन क्यों छोड़ दिया, क्रोध न छोड़ा झूठ न छोड़ा, सत्य वचन क्यों छोड दिया, तूने सत्य वचन क्यों...
Read moreDetailsसच्चे मन से पूर्वजो पे, श्रद्धा दिखाइये, अपने पित्रों का पावन, वरदान पाइये, पित्र खुश होंगे तो, दुखड़े मिट जाएंगे,...
Read moreDetailsअनंत चतुर्दशी का आया पावन त्यौहार, विष्णु जी का व्रत है, जिसकी महिमा अपरम्पार, विष्णु जी का व्रत है, जिसकी...
Read moreDetailsतारा विना श्याम मने एकलडु लागे, रास रमवा ने वहलो आवजे, तारा विना श्याम एकलडु लागे।। शरद पूनम नी रातडी...
Read moreDetailsकोयलिया बोली रे, अम्बुआ की डाल, अपनो कोई नहींआ रे, बिना राम रघुनंदन, अपना कोई नहींआ रे, बिना राम रघुनंदन,...
Read moreDetailsदेव शनिश्चर आपको, प्रणहु बारम्बार, शक्ति है प्रबल तुम्हारी, शक्ति है प्रबल तुम्हारी, यही जाने सब संसार, देव शनिश्चर आपकों,...
Read moreDetailsआना है तो आ राह में कुछ फेर नहीं है, भगवान के घर देर है अन्धेर नहीं है।। जब तुझसे...
Read moreDetailsअर्जी थे म्हारी सुणलो रुनिचे रा धणिया, आवो पधारो म्हारे आंगणिया, ओ म्हारे आंगणिया, अजमाल जी रा कंवरा, अर्जी थे...
Read moreDetailsथोड़ी सी जिन्दगानी खातिर, नर के के तू तोफान करे, एक मिनट का नहीं भरोसा, बरसों का सामान करे।। काया...
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