लाल ध्वजा थारी श्री भैरू पूजे है नर नारी
थारे दरबार में भैरू जी, सगला झुक जावे, थारी ही किरपा सु बाबा, सगला सुख पावे, भैरू जी मतवाला, इनको...
Read moreDetailsथारे दरबार में भैरू जी, सगला झुक जावे, थारी ही किरपा सु बाबा, सगला सुख पावे, भैरू जी मतवाला, इनको...
Read moreDetailsकहीं राम लिख दिया है, कही श्याम लिख दिया है, सांसो के हर सिरे पर, सांसो के हर सिरे पर,...
Read moreDetailsबिना बईल गेरी गाड़ी, गुरु सिंगाजी न, बिना बईल गेरी गाडी रे, हो आसी राजा का द्वार पर ठाड़ी, गुरु...
Read moreDetailsदेख लिया दुनिया का नजारा, ना हम किसी के ना कोई हमारा।bd। तर्ज - और इस दिल में। झूठी है...
Read moreDetailsहम पंछी परदेशी मुसाफिर, आये है सैलानी। दोहा - कबीर मन पंछी भया, भावे तो उड़ जाय, जो जैसी संगती...
Read moreDetailsसासु जी से हंस के बोली, एक दिन घर में बहुरानी, कृष्ण नाम का सुमिरन करलो, दो दिन की है...
Read moreDetailsमानव तू है मुसाफिर, दुनिया है धर्मशाला, संसार क्या है सपना, वो भी अजब निराला।। तर्ज - मुझे इश्क़ है...
Read moreDetailsजिंदगी सुधार बंदा, यही तेरो काम है।। मानुष की देह पाई, हरि से ना प्रीत लाई, विषयों के जाल माही,...
Read moreDetailsरे मन प्रति स्वांस पुकार यही, जय राम हरे घनश्याम हरे, तन नौका की पतवार यही, जय राम हरे घनश्याम...
Read moreDetailsहे मूर्ति बड़ी महान रे, अखिलेश्वर पावन धाम रे, जहां विराजे साक्षात, ऊ पवन पुत्र हनुमान रे।। हे सोभा बड़ी...
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