चड़जा नी मारा मोरलिया,
तू देवलिया री पोल,
थने कुणी आता वो,
दिखे पांवणा।।
वो चड़ जऊ ऐ मारी आद ज्वाला,
देवलिया री पोल,
मने ईन्दर पवन दिखें पामणा।।
ओ वषृओ नी मारा ईन्दर राजा,
मंजल मेवाड़,
आच्छा वषृओ नी हरीया डुंगरा।।
ओ लें लें नी मारा मोरलिया,
तु गेंद गला वालों हार,
मानें नदियां ऊतारो पेली तीर पे।।
ओ नी लु ऐ मारी आद ज्वाला,
मोतियां वालों हार,
माजी हथेलियां ऊतारू पेली तीर पे।।
ओ भरलो नी मारी आद ज्वाला,
मोतियां गज थाल,
भोला शंकर ने सिमरो लार में।।
ओ दिजे ऐ मारी आद ज्वाला,
याने बहन बेटा वाली झोड,
अणा थाने बेठाया गवरा सोवटे ओ।।
चड़जा नी मारा मोरलिया,
तू देवलिया री पोल,
थने कुणी आता वो,
दिखे पांवणा।।
गायक – जगदीश चन्द्र जटिया।
मोबाइल – 9950647154
प्रेषक – श्री धर्मराज बावजी स्टुडियो।