ओउम सोहगं के बीच,
लिया हम हेरा,
छह सांसो के माई,
राम जी मेरा है वो जी।।
ओउम शबद के माई,
बीज है वारा,
सोहगं शबद के माई,
दस अवतारा है वो जी।।
ओउम शबद के माई,
पिण्ड है वारा,
सोहगं शबद के माई,
राम रणुकारा है वो जी।।
ओउम का अक्षर तीन,
तीन से न्यारा,
आकार ऊकार मकार,
बहकती धारा है वो जी।।
गुरू मलिया मच्छिन्दर नाथ,
काट दिया फेरा,
गुण गावें गोरख नाथ,
अमर घर मेरा है वो जी।।
ओउम सोहगं के बीच,
लिया हम हेरा,
छह सांसो के माई,
राम जी मेरा है वो जी।।
गायक – जगदीश चन्द्र जटिया।
उदयपुर 9950647154
प्रेषक – श्री धर्मराज बावजी स्टुडियो।