चाल सखी सत संगत करले,
सतगुरू ज्ञान सुनावत है।।
पल पल छीन छीन आयु घटत है,
गया वक्त नही आवत है,
सतगुरू ज्ञान सुनावत है।।
बालपणो हंस खेल गमायो,
जोबन काम सतावत है,
सतगुरू ज्ञान सुनावत है।।
बुढ़ापे अंग रोग सतावत,
तृष्णा क्रोध बढ़ जावत है,
सतगुरू ज्ञान सुनावत है।।
ऐसा ऐसा जन्म खोई मत सजना,
फेर पिछे पछतावत है,
सतगुरू ज्ञान सुनावत है।।
अचूलू दास संगत करने से,
जन्म सफल होता जावत है,
सतगुरू ज्ञान सुनावत है।।
चाल सखी सत संगत करले,
सतगुरू ज्ञान सुनावत है।।
स्वर – संत श्री रामवल्लभ जी महाराज।
8875155461