चल श्याम धणी के द्वार,
तू मौज करेगा,
जो मिलती मुश्किल से,
तू रोज करेगा,
चल श्याम धनि के द्वार,
तू मौज करेगा।।
परेशान मन को समझा,
सांवरा है साथ में,
लेख वो लिखने वाला,
क्या है तेरे हाथ में,
दुःख मिट जाएंगे श्याम,
जब हाथ धरेगा,
चल श्याम धनि के द्वार,
तू मौज करेगा।।
खोट नहीं जिस मन में,
उसकी ही सुनता वो,
होता वही फिर प्यारे,
करता कन्हैया जो,
बदले दुनिया सारी,
वो ना बदलेगा,
चल श्याम धनि के द्वार,
तू मौज करेगा।।
तड़पा जो मिलने खातिर,
उसने ही पाया है,
श्याम सांवरे ने खुद में,
मीरा को समाया है,
‘राजू’ पे कर उपकार,
वो सबसे कहेगा,
चल श्याम धनि के द्वार,
तू मौज करेगा।।
चल श्याम धणी के द्वार,
तू मौज करेगा,
जो मिलती मुश्किल से,
तू रोज करेगा,
चल श्याम धनि के द्वार,
तू मौज करेगा।।
गायक – राजेंद्र अग्रवाल।