चलो अयोध्या राम राज में,
सजा दीपो की थाली,
पाप का कोई भाग नही,
चमके धर्म की लाली,
हुई धन्य धरा ये अवध की,
आये जो राम अयोध्या में,
हुई धन्य धरा ये अवध की,
आये जो राम अयोध्या में।।
सनातन धर्म की हुई जयकार,
गुँजा अवध में विजय अनुराग,
अटल आस की प्रबल साधना,
रघुवर तेरी प्रतिज्ञा में,
हुई धन्य धरा ये भारत की,
आये जो राम अयोध्या में,
हुई धन्य धरा ये अवध की,
आये जो राम अयोध्या में।।
लहराया भगवा ऊँचे नभ में,
मिले बैकुंठ राम चरण में,
भव से पार लगे वो प्राणी,
बैठे जो राम की संध्या में,
हुई धन्य धरा ये भारत की,
आये जो राम अयोध्या में,
हुई धन्य धरा ये अवध की,
आये जो राम अयोध्या में।।
चलो अयोध्या राम राज में,
सजा दीपो की थाली,
पाप का कोई भाग नही,
चमके धर्म की लाली,
हुई धन्य धरा ये अवध की,
आये जो राम अयोध्या में,
हुई धन्य धरा ये अवध की,
आये जो राम अयोध्या में।।
गायक – परमहंस झा।
गीतकार – निशान्त झा ‘बटोही’
96346 24383