चालो भक्तो चालो,
कुम्भ मेला माय,
साधु सन्तों रा दर्शन पावसा।।
गंगा जमुना सरस्वती,
चालें एकण धार,
त्रिवेणी संगम नाहवसो।।
साधु संत आवे,
अनंत अपार,
दर्शन कर सुख पावसो।।
साधु सन्तों सु,
लेलो आशिर्वाद,
सिमरन करो हरी नाम रो।।
हर हर महादेव गुंजे,
जय जय कार,
डम डम डमरू बाजता।।
कटसी कटसी,
पुर्व जन्म रा पाप,
लेवो हबोलो हरी नाम रो।।
मगाराम प्रजापत,
महिमा गाय,
सिर पर हाथ गुरुदेव रो।।
चालो भक्तो चालो,
कुम्भ मेला माय,
साधु सन्तों रा दर्शन पावसा।।
गायक – मगाराम प्रजापत सनावड़ा।
9783332681