चलो चले मन,
गुरु की शरण में,
बिगड़ी बनेगी तेरी,
गुरु के चरण में।।
गुरु की महिमा बहुत बड़ी है,
गुरु ही मार्ग दिखाते हैं,
सूना दीपक जीवन होता,
गुरु ही उसे जलाते हैं,
अंधकार है बिना गुरु के,
ज्योति जगे नहीं मन में,
चलो चलें मन,
गुरु की शरण में,
बिगड़ी बनेगी तेरी,
गुरु के चरण में।।
गुरु की कृपा से जीवन बगिया,
फूलों सी खिल जाती है,
सारे जगत को जिसकी सुगंध,
मैहर मैहर महकाती है,
पावन पावन जीवन होता,
पावनता हो मन में,
चलो चलें मन,
गुरु की शरण में,
बिगड़ी बनेगी तेरी,
गुरु के चरण में।।
ॐ गुरु देव पावन मंत्र है,
श्रद्धा से भज ले प्राणी,
दया करेंगे गुरुवर हमारे,
मिटेगी आनी जानी,
जिसके ह्रदय में विश्वतप गुरु,
खुशियां हो जीवन में,
चलो चलें मन,
गुरु की शरण में,
बिगड़ी बनेगी तेरी,
गुरु के चरण में।।
चलो चले मन,
गुरु की शरण में,
बिगड़ी बनेगी तेरी,
गुरु के चरण में।।
स्वर – सोना जाधव।