लो आया शिवरात्रि त्यौहार,
चलो रे शिव दर्शन को,
नाचे नर और नारी,
झूमे सारे संसारी,
भोले का सजा है दरबार,
चलो रे शिव दरशन को,
चलो रे शिव दर्शन को।।
गुजरे जो कल जीवन के पल,
हाथ नहीं वो फिर आएँगे,
हाथ नहीं वो फिर आएँगे,
चल भई चल लेके फूल फल,
भोले को जाके मनाएंगे,
भोले को जाके मनाएंगे,
सब पाप काटेंगे,
शिव का नाम जो रटेंगे,
भक्तो ने किया श्रृंगार,
चलो रे शिव दरशन को,
चलो रे शिव दर्शन को।।
ऐसा अवसर मिलेगा किधर,
साल बाद फिर आएगा,
साल बाद फिर आएगा,
दुःख लेंगे हर भोले शंकर,
चरणों में जो तू गिर जाएगा,
चरणों में जो तू गिर जाएगा,
सोया भाग जगाले,
भोलेनाथ को मनाले,
खुशियों से भरे घरबार,
चलो रे शिव दरशन को,
चलो रे शिव दर्शन को।।
चल देवघर भोले के नगर,
रावण का मान जहाँ टुटा है,
रावण का मान जहाँ टुटा है,
देखोगे जिधर मिलेगा उधर,
बम बम का नारा अनूठा है,
बम बम का नारा अनूठा है,
‘लख्खा’ ध्यान लगाले,
छवि मन में बसाले,
बेधड़क कहे ये पुकार,
चलो रे शिव दरशन को,
चलो रे शिव दर्शन को।।
लो आया शिवरात्रि त्यौहार,
चलो रे शिव दर्शन को,
नाचे नर और नारी,
झूमे सारे संसारी,
भोले का सजा है दरबार,
चलो रे शिव दरशन को,
चलो रे शिव दर्शन को।।