चालो सोनाला खेतलाजी ने मनावा,
दोहा – सोनाला रे मायने,
भेरू अजब निरालो थारो धाम,
दर्शन आवे जातरी,
भेरू सारे सकल रा काज।
चालो सोनाला खेतलाजी ने मनावा,
चालो सोनाला भेरूजी ने ध्यावा,
निज मिन्दरिया मे ज्योति जगावा जी,
थारे देवलिया मे ज्योति जगावा जी,
चालों सोनाला खेतलाजी ने मनावा।।
ओ भेरू बाकला रा भोग चढावा,
भेरू बाकला रा भोग चढावा,
थाने माली बन्ना रो वागो पहरावा जी,
थाने माली बन्ना रो वागो पहरावा जी,
चालों सोनाला खेतलाजी ने मनावा।।
ओ भेरू नर नारी दर्शन ने आवे,
भेरू नर नारी दर्शन ने आवे,
अरे थारे चरना मायने शिश निवावे जी,
थारे मन्दिरीया मे शिश निवावे जी,
चालों सोनाला खेतलाजी ने मनावा।।
थारे मिन्दरिया मे ज्योति जगावा,
थारे मिन्दरिया मे ज्योति जगावा,
ज्योता रे हलकारे दर्शन भेरू पावा जी,
ज्योता रे हलकारे दर्शन भेरू पावा जी,
चालों सोनाला खेतलाजी ने मनावा।।
ओ भेरू दुनिया दर्शन थारे आवे,
भेरू दुनिया दर्शन थारे आवे,
भेरूजी सबरा ही कष्ट मिटावे जी,
भेरूजी सबरा ही दुखड़ा मिटावे जी,
चालों सोनाला खेतलाजी ने मनावा।।
ओ भेरू ‘गहलोत हरिश’ गुण गावे,
भेरू गहलोत हरिश गुण गावे,
थारे चरना मायने शिश झुकावे जी,
थारे देवलिया मे शिश झुकावे जी,
थाने नित नित भेरू थाने मनावे जी,
चालों सोनाला खेतलाजी ने मनावा।।
चालों सोनाला खेतलाजी ने मनावा,
चालो सोनाला भेरूजी ने ध्यावा,
निज मिन्दरिया मे ज्योति जगावा जी,
थारे देवलिया मे ज्योति जगावा जी,
चालों सोनाला खेतलाजी ने मनावा।।
गायक – महेंद्र सिंह जी राठौर।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818