चलता रहूँ तेरी ओर सांवरे,
मैं चलता रहूँ तेरी ओर साँवरे,
मेरा चलता नही कोई जोर सांवरे,
मेरा चलता नही कोई जोर सांवरे,
चलता रहूँ तेरी ओर साँवरे,
मैं चलता रहूँ तेरी ओर साँवरे।।
तर्ज – पलकों का घर तैयार सांवरे।
अठरह क्या अठरह सौ क्या,
अठरह हजार चल दूंगा,
तेरे लिए मेरे सांवरिया,
कुछ भी मैं कर दूंगा,
मैं नाचूँगा बन करके मोर सांवरे,
मैं नाचूँगा बन करके मोर सांवरे,
चलता रहूँ तेरी ओर साँवरे,
मैं चलता रहूँ तेरी ओर साँवरे।।
मुझको है मालूम तू बाबा,
रुकने मुझे ना देगा,
अपने सिवा किसी ओर के आगे,
झुकने नही तू देगा,
तेरे पीछे रहा हूँ मैं दौड़ सांवरे,
तेरे पीछे रहा हूँ मैं दौड़ सांवरे,
चलता रहूँ तेरी ओर साँवरे,
मैं चलता रहूँ तेरी ओर साँवरे।।
चलते चलते जल्दी से,
तेरा दर्शन मिल जाए,
दर्शन पाकर सांवरिया,
तेरा कला भवन खिल जाए,
तेरे प्रेमी नहीं है कमजोर सांवरे,
तेरा ‘मित्तल’ नहीं है कमजोर सांवरे,
चलता रहूँ तेरी ओर साँवरे,
मैं चलता रहूँ तेरी ओर साँवरे।।
चलता रहूँ तेरी ओर सांवरे,
मैं चलता रहूँ तेरी ओर साँवरे,
मेरा चलता नही कोई जोर सांवरे,
मेरा चलता नही कोई जोर सांवरे,
चलता रहूँ तेरी ओर साँवरे,
मैं चलता रहूँ तेरी ओर साँवरे।।
स्वर – कन्हैया मित्तल जी।