चांद तारों से भी है प्यारा,
रुपवा तेरा,
मन में बस जाए ना भूल पाए,
रुपवा तेरा,
चांद तारो से भी है प्यारा,
रुपवा तेरा।।
तर्ज – चांद तारों में।
एक दूजे के संग में,
दौड़े चले आयेंगे,
दर पे तेरे मैया शीश,
हम झुकाएंगे,
तेरे आने से महक जाए,
अंगना मेरा,
चांद तारो से भी है प्यारा,
रुपवा तेरा।।
प्रेम श्रद्धा से मैया रानी,
को बुलायेंगे,
हार फूलों का अपनी,
मैया को चढ़ाएंगे,
पूर्ण होगा तभी जीवन का,
सपना मेरा,
चांद तारो से भी है प्यारा,
रुपवा तेरा।।
माँ की ममता को,
हम ना भूल पाएंगे,
कर्ज तेरा कभी भी हम ना,
चुका पाएंगे,
कर ले स्वीकार मेरी पूजा,
वंदन मेरा,
चांद तारो से भी है प्यारा,
रुपवा तेरा।।
चांद तारों से भी है प्यारा,
रुपवा तेरा,
मन में बस जाए ना भूल पाए,
रुपवा तेरा,
चांद तारो से भी है प्यारा,
रुपवा तेरा।।
स्वर / रचना – अजितेश मिश्रा।
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