चन्दन तिलक से तेरा,
पूजन सफल ना होगा,
दिल साफ़ गर नहीं तो,
दिल साफ़ गर नहीं तो,
दर्शन सफल ना होगा,
चन्दन तिलक से तेरा,
पूजन सफल ना होगा।।
तर्ज – चूड़ी मजा ना देगी।
गीता ने पाठ देखो,
हमको यही पढ़ाया,
धर्म युद्ध के समय,
अर्जुन को बतलाया,
अर्जुन को बतलाया,
बिन ज्ञान से मानव,
बिन ज्ञान से मानव,
जीवन सफल ना होगा,
चंदन तिलक से तेरा,
पूजन सफल ना होगा।।
लड़ते हुए जटायु,
रावण से था यूँ बोला,
माँ जानकी के खातिर,
पापी का मन डोला,
पापी का मन डोला,
सीता चुरा के तू भी,
सीता चुरा के तू भी,
रावण सफल ना होगा,
चंदन तिलक से तेरा,
पूजन सफल ना होगा।।
बोली सभा में द्रोपती,
जब तक है कृष्ण रक्षक,
मेरा बुरा समय है जो,
तू भी बना है भक्षक,
तू भी बना है भक्षक,
तेरा बुरा इरादा,
तेरा बुरा इरादा,
दुश्मन सफल ना होगा,
चंदन तिलक से तेरा,
पूजन सफल ना होगा।।
चन्दन तिलक से तेरा,
पूजन सफल ना होगा,
दिल साफ़ गर नहीं तो,
दिल साफ़ गर नहीं तो,
दर्शन सफल ना होगा,
चन्दन तिलक से तेरा,
पूजन सफल ना होगा।।
– भजन –
” अविनाश मौर्य “
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