चांदी का रथड़ा में प्यारो,
लागे म्हारो सेठ सावरियो,
लागे म्हारो सेठ सावरियो रे,
लागे म्हारो सेठ सावरियो।।
गोकुल माही जन्मयों मंडपिया आयो,
म्हारो सेठ सावरियो,
चांदी का रथड़ा में प्यारों,
लागे म्हारौ सेठ सावरियो।।
झूलनी पे झुलन जावे,
म्हारो सेठ सावरियो,
चांदी का रथड़ा में प्यारों,
लागे म्हारौ सेठ सावरियो।।
आयोडा भगता ने दर्शन देवे,
म्हारो सेठ सावरियो,
चांदी का रथड़ा में प्यारों,
लागे म्हारौ सेठ सावरियो।।
माखन भी नही खावे मटकियां फोड़े,
म्हारो सेठ सावरियो,
चांदी का रथड़ा में प्यारों,
लागे म्हारौ सेठ सावरियो।।
सरने आया भगता ने दर्शन देवे,
म्हारो सेठ सावरियो,
चांदी का रथड़ा में प्यारों,
लागे म्हारौ सेठ सावरियो।।
चांदी का रथड़ा में प्यारो,
लागे म्हारो सेठ सावरियो,
लागे म्हारो सेठ सावरियो रे,
लागे म्हारो सेठ सावरियो।।
गायक – जगदीश बेरवा।
चारभुजा साउंड जोरावरपुरा।
9460405693