चप्पा चप्पा लंका जले,
हक्के बक्के हो गए सभी,
लंकापति हाथ मले,
चप्पा चप्पा लंका जले।।
जल गई जल गई,
सोने की नगरिया।
तर्ज – चप्पा चप्पा चरखा चले।
गली गली बजरंग,
लंका को जला दिए,
रावण के मनसूबे,
ख़ाक में मिला दिए,
और बोले हम तो चले,
चप्पा चप्पा लँका जले,
चप्पा चप्पा लँका जले,
हक्के बक्के हो गए सभी,
लंकापति हाथ मले,
चप्पा चप्पा लंका जले।।
जल गई जल गई,
सोने की नगरिया।
सारे ही निशाचरो को,
बजरंग संहारे थे,
रावण की विरो को,
गिन गिन के मारे थे,
मसल दिए पैरो के तले,
चप्पा चप्पा लँका जले,
चप्पा चप्पा लँका जले,
हक्के बक्के हो गए सभी,
लंकापति हाथ मले,
चप्पा चप्पा लंका जले।।
जल गई जल गई,
सोने की नगरिया।
चप्पा चप्पा लंका जले,
हक्के बक्के हो गए सभी,
लंकापति हाथ मले,
चप्पा चप्पा लंका जले।।