चार पंडित काशी से आया,
चारों वेद पढ़ आया जी,
चार पँडित काशी से आया,
चारों वेद पढ़ आया जी,
आय कबीर घर पानी पिया,
पी पानी पछताया जी,
आय कबीर घर पानी पिया,
पी पानी पछताया जी,
जल का भेद बतावो ब्रह्म ज्ञानी,
छान पियो जल पानी जी,
जल का भेद बतावो ब्रह्म ज्ञानी,
छान पियो जल पानी जी।।
जल की तो मच्छीया जल में ब्याई,
जल मे ही मर जाती जी,
जल की तो मच्छीया जल मे ब्याई,
जल मे ही मर जाती जी,
जल की शोद बोद नही मिटसी,
वो पानी क्या पीता जी,
जल की शोद बोद नही मिटसी,
वो पानी क्या पीता जी,
जल का भेद बतावो ब्रह्म ज्ञानी,
छान पियो जल पानी जी।।
चोको लगाय भोजन करीया,
खूब करी चतुराई जी,
चोको लगाय भोजन करीया,
खूब करी चतुराई जी,
बूंदा मक्खी भान पर बैठी,
डूब गई चतुराई जी,
बूंदा मक्खी भान पर बैठी,
डूब गई चतुराई जी,
जल का भेद बतावो ब्रह्म ज्ञानी,
छान पियो जल पानी जी।।
उजला उजला कपड़ा पेरे,
चले सूत रा धागा जी,
उजला उजला कपड़ा पेरे,
चले सूत रा धागा जी,
ए धागा मारे पिताजी ने बनीया,
सब जग फिरता नंगा जी,
ए धागा मारे पिताजी ने बनीया,
सब जग फिरता नंगा जी,
जल का भेद बतावो ब्रह्म ज्ञानी,
छान पियो जल पानी जी।।
देश में फिरता परदेश मे फिरता,
कोई गुरूजी न मिलीया जी,
देश में फिरता परदेश मे फिरता,
कोई गुरूजी न मिलीया जी,
केवे कमाल कबीर सा री चेली,
पंडो ने भेद बताया जी,
केवे कमाल कबीर सा री चेली,
पंडों ने भेद बताया जी,
जल का भेद बतावो ब्रह्म ज्ञानी,
छान पियो जल पानी जी।।
चार पंडित काशी से आया,
चारों वेद पढ़ आया जी,
चार पँडित काशी से आया,
चारों वेद पढ़ आया जी,
आय कबीर घर पानी पिया,
पी पानी पछताया जी,
आय कबीर घर पानी पिया,
पी पानी पछताया जी,
जल का भेद बतावो ब्रह्म ज्ञानी,
छान पियो जल पानी जी,
जल का भेद बतावो ब्रह्म ज्ञानी,
छान पियो जल पानी जी।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818