चरण शरण में आया है,
ये दास तुम्हारा,
ये दास तुम्हारा,
दीन बँधू दीनो के रक्षक,
जग मे नाम तुम्हारा।।
तर्ज – जनम जनम का साथ है।
रिद्ध सिद्धी के दाता,
पहले तुम्हे मनाए,
सब दैवो मे पहले,
तुम्ही ही पूजे जाए,
गिरिजा छैया,
गिरिजा नन्दन,
जग मे नाम तुम्हारा,
चरण शरण में आया हैं,
ये दास तुम्हारा,
ये दास तुम्हारा।।
हे लम्बोदर देवा,
मूसक तेरी सवारी,
गणपति बप्पा बोले,
तुमको दुनिया सारी,
लड़ुअन का है भोग प्रभू जी,
तुमको सबसे प्यारा,
चरण शरण में आया हैं,
ये दास तुम्हारा,
ये दास तुम्हारा।।
जग में तुम बिन कोई,
काम नही शुभ होते,
बिगड़े काम बनाते,
जब तुम मौज मे होते,
मेरी भी तुम बिगड़ी बनादो,
हे जग पालन हारा,
चरण शरण में आया हैं,
ये दास तुम्हारा,
ये दास तुम्हारा।।
चरण शरण में आया है,
ये दास तुम्हारा,
ये दास तुम्हारा,
दीन बँधू दीनो के रक्षक,
जग मे नाम तुम्हारा।।
– भजन लेखक एवं प्रेषक –
श्री शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923
वीडियो उपलब्ध नहीं।