शरणे आयो री लजिया रखो,
मालिक मेरा,
चरणों मैं लियो तुम्हारो,
आओ मेरा सतगुरु आंगन विराजो,
गुण दे मेरा अवगुनिया निवारों,
मालिक मेरा चरणों मैं लियो तुम्हारो।।
पहले हती म्हारा सांवरा पशु बराबर,
अब मेरो जन्म सुधारो,
मालिक मेरा चरणों मैं लियो तुम्हारो।।
सतगुरु जी रूठा ज्यारा सब जग रूठा,
रूठो ज्यारों सुरजन हारो,
मालिक मेरा चरणों मैं लियो तुम्हारो।।
सतगुरु राजी ज्यारा सब जग राजी,
राजी ज्यारों सुरजन हारो,
मालिक मेरा चरणों मैं लियो तुम्हारो।।
भवसागर में भजन केवटीयो,
भजन कियां भव पारो,
मालिक मेरा चरणों मैं लियो तुम्हारो।।
भाई अमना री अर्ज विनती,
आवागमन निवारो,
मालिक मेरा चरणों मैं लियो तुम्हारो।।
शरणे आयो री लजिया रखो,
मालिक मेरा,
चरणों मैं लियो तुम्हारो,
आओ मेरा सतगुरु आंगन विराजो,
गुण दे मेरा अवगुनिया निवारों,
मालिक मेरा चरणों मैं लियो तुम्हारो।।
गायक – विक्रम बाड़मेरी।
8302031687
https://youtu.be/Vf449zMlIJ0