चौमासो आयो ऊपर बादल छायो,
बिरखा बरसो मेरे राम जी,
चोमासो आयो।।
हे अषाढ़ मास गोकुल को छोडी,
मथुरा जायो हो,
बेरण कुब्जा ए हजारी,
मनमोहन बिलमायो,
मीठा मोर बोले राम,
चोमासो आयो।।
हे आयो सावन राधा रुक्मण,
मन मे समझायो ,
जब जब याद आवे मोहन की,
हिवडो भर भर आयो,
हाली तेजो गावे राम,
चोमासो आयो।।
आ गयो भादव घर नहीं जादव,
इंदर घरायो,
उमड़ बादली बरसण लागो,
जद चौमासो आयो,
बिजली कड़क मेरे राम,
चोमासो आयो।।
आसोजा मे आस लगी,
जद उद्धव संदेशो लायो,
काती में घर आवे,
माता देवकी रो जायो,
पपियो बाणी बोले राम,
चोमासो आयो।।
चंद्र सखी ने चाव लगो जद,
चोमासन गायो,
धन्य भाग राजा बड़ भागण,
सांवरियो वर पायो,
मुरली मनड़ो मोयो राम,
चोमासो आयो।।
चौमासो आयो ऊपर बादल छायो,
बिरखा बरसो मेरे राम जी,
चोमासो आयो।।
गायक – रामदास रामावत।
प्रेषक – सुभाष सारस्वत काकड़ा।
मोबाइल 9024909170