छाया रे बसंती रंग,
लो फागुन आया रे,
याद श्याम की आई,
फिर से चली पुरवाई,
छाया रें बसंती रंग,
लो फागुन आया रे।।
तर्ज – आया रे खिलौने वाला।
भगतो ने खाटू की गलियां हैं सजायी,
बाबा ने सबको आवाज लगायी,
आओ मेरी आंख के तारों,
देर करो ना प्यारो,
आओ मेरी आंख के तारों,
देर करो ना प्यारो,
छाया रें बसंती रंग,
लो फागुन आया रे।।
देखो सजी दुल्हन सी खाटू की नगरिया,
सज धज दूल्हा सा बैठा हैं सांवरिया,
प्यारा प्यारा श्याम सलोना,
लग रहा सोणा सोणा,
प्यारा प्यारा श्याम सलोना,
लग रहा सोणा सोणा,
छाया रें बसंती रंग,
लो फागुन आया रे।।
श्याम ध्वजाओं का सैलाब सा आया,
गूंज उठी जयकार जादू सा है छाया,
लंबी लगी कतारे,
ये मद मस्त नज़ारे,
लंबी लगी कतारे,
ये मद मस्त नज़ारे,
छाया रें बसंती रंग,
लो फागुन आया रे।।
सांवरे के मंदिर में खेले आज होली,
थोड़ी शरारत हो थोड़ी हो ठिठोली,
रंग अबीर उड़ाए,
झूमे नाचे गाए,
रंग अबीर उड़ाए,
झूमे नाचे गाए,
छाया रें बसंती रंग,
लो फागुन आया रे।।
छाया रे बसंती रंग,
लो फागुन आया रे,
याद श्याम की आई,
फिर से चली पुरवाई,
छाया रें बसंती रंग,
लो फागुन आया रे।।
स्वर – संजू शर्मा जी।
प्रेषक – Vijay Vats
7015809310