चिड़ावा देखी रे सुल्ताना देखी रे,
वा भक्तां की टोली चनाना देखी रे,
सब खाटू जावे रे ये ढोक लगावे रे,
वा भक्तां की टोली गुढा में देखी रे,
चिडावा देखी रे सुल्ताना देखी रे,
वा भक्तां की टोली चनाना देखी रे।।
निशान चढ़ावे रे बाबा ने मनावे रे,
कोई गाडी लावे रे कोई पैदल आवे रे,
उस जयपुरवाटी में वा सबने देखी रे,
गेड में भी जयकारा लगाती देखी रे,
चिडावा देखी रे सुल्ताना देखी रे,
वा भक्तां की टोली चनाना देखी रे।।
श्याम थारी झांकी म्हाने लागे प्यारी रे,
बेडा पार लगावे कलियुग का अवतारी रे,
बाबा के जारया रे सूरजगढ़ आला रे,
भगत करे सेवा और भंडारा लगा रह्या रे,
चिडावा देखी रे सुल्ताना देखी रे,
वा भक्तां की टोली चनाना देखी रे।।
बारस के मेले में सब झूम के नाचे रे,
चनाना और गुडा का डी.जे. जोर से बाजे रे,
‘अनिल शर्मा ढींगरिया’ थारे भजन बनावे रे,
‘नवदीप जांगिड’ पैदल थारे खाटू आवे रे,
चिडावा देखी रे सुल्ताना देखी रे,
वा भक्तां की टोली चनाना देखी रे।।
चिड़ावा देखी रे सुल्ताना देखी रे,
वा भक्तां की टोली चनाना देखी रे,
सब खाटू जावे रे ये ढोक लगावे रे,
वा भक्तां की टोली गुढा में देखी रे,
चिडावा देखी रे सुल्ताना देखी रे,
वा भक्तां की टोली चनाना देखी रे।।
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