चिंतन हो सदा मेरे मन में तेरा,
चरणों में तेरे मेरा ध्यान रहे,
चाहे दु:ख में रहूँ चाहे सुख में रहूँ,
होंठो पे सदा तेरा नाम रहे,
चिन्तन हो सदा मेरे मन में तेरा।।
हे विपिन बिहारी मुरलीधर,
है कौन मेरा इस दुनियाँ में,
अपना लो मुझे या ठुकरा दो,
चरणों से तेरे मुझे काम रहे,
चिन्तन हो सदा मेरे मन में तेरा।।
हे राधा माधव युगल तुम्हें,
इक पल के लिए भी न भूलूँ,
बस जनम जनम हे कृष्ण तेरे,
चरणों में मेरा विश्राम रहे,
चिन्तन हो सदा मेरे मन में तेरा।।
चितचोर हो तुम श्रीराधा के,
व्रजवनिता के ब्रज-ग्वालों के,
तेरे चरणों में ‘प्रीति’ की प्रीति रहे,
अरु भक्ति सदा निष्काम रहे,
चिन्तन हो सदा मेरे मन में तेरा।।
चिंतन हो सदा मेरे मन में तेरा,
चरणों में तेरे मेरा ध्यान रहे,
चाहे दु:ख में रहूँ चाहे सुख में रहूँ,
होंठो पै सदा तेरा नाम रहे,
चिन्तन हो सदा मेरे मन में तेरा।।
गायक – मनोज कुमार खरे।
रचनाकार – श्रीमति प्रीति खरे।
विशेष – इस भजन को ‘दिल लूटने वाले जादूगर’
तर्ज पर भी गा सकते है।