चिठ्ठिये नी दर्द सुनाने वालिये,
ले जा ले जा संदेसा मेरे श्याम का।
तर्ज – चिठ्ठिये नी दर्द फ़िराक वालिये।
दोहा – चिट्ठीए एक संदेसा मेरा,
श्याम को जा के सुनाना,
मुझको भी हो दर्श श्याम का,
मेरी अर्ज लगाना।
चिठ्ठिये नी दर्द सुनाने वालिये,
ले जा ले जा संदेसा मेरे श्याम का,
तुझको वास्ता है प्रेमियों के प्यार का,
चिठ्ठिये नि दर्द सुनाने वालिये,
ले जा ले जा संदेसा मेरे श्याम का।।
करने दीदार पहले,
जाके खाटू धाम के,
चरणों को छूना तुम फिर,
मेरे बाबा श्याम के,
कलयुग का देव जिसे,
कहती है दुनिया,
करना दीदार ऐसे,
देवता महान के,
गूंजे जहाँ पे जयकारा,
श्याम नाम का,
ले जा ले जा संदेसा मेरे श्याम का।।
कहना जाके श्याम से,
मेरे दिल की बातें,
बीत गई बाबा कितनी,
ग्यारस की रातें,
हुई क्या कमीं,
ऐसी बाबा मेरे प्यार में,
आया ना बुलावा बाबा,
तेरे दरबार से,
जीना श्याम के बिना,
किस काम का,
ले जा ले जा संदेसा मेरे श्याम का।।
चिठ्ठिये नी दर्द सुनाने वालिये,
ले जा ले जा संदेसा मेरे श्याम का,
तुझको वास्ता है प्रेमियों के प्यार का,
चिठ्ठिये नि दर्द सुनाने वालिये,
ले जा ले जा संदेसा मेरे श्याम का।।
Singer : Rajnish Sharma