चित्रकूट शुचि धाम है,
प्रभु का सुहाना,
प्रभु का सुहाना,
भक्ति भावना भरे हृदय में,
दिल से जिसने माना।।
तर्ज – जनम जनम का साथ है।
वचन पिता के माने,
लखन सिया संग आये,
हुई साधना पूरी,
ग्यारह बरस बिताये,
नीति रीति रिषियों से जानी,
आगे हुए रवाना,
चित्रकूट शुचि धाम हैं,
प्रभु का सुहाना,
प्रभु का सुहाना।।
शुचि सरिता मंदाकिनी,
अत्रि प्रिया हैं लायी,
जो त्रिदेव किये बालक,
परम सती कहलायी,
दर्शन करके मत्गयेन्द्र के,
कामद् के ढिंग जाना,
चित्रकूट शुचि धाम हैं,
प्रभु का सुहाना,
प्रभु का सुहाना।।
स्वर्णावृत हैं कामद्,
दुःख दरिद्र हर लेते,
शक्ति भक्ति सुत वैभव,
मनवांछित फल देते,
रामधारि बन गये शिरोमणि,
सबने ऐसा माना,
चित्रकूट शुचि धाम हैं,
प्रभु का सुहाना,
प्रभु का सुहाना।।
पैदल हो परिकरमा,
कुछ दण्डवत हैं करते,
जीवन की बाधाएं,
दुखड़े पल में हरते,
तपोभूमि ये रामलला की,
एक बार तो आना,
चित्रकूट शुचि धाम हैं,
प्रभु का सुहाना,
प्रभु का सुहाना।।
चित्रकूट शुचि धाम है,
प्रभु का सुहाना,
प्रभु का सुहाना,
भक्ति भावना भरे हृदय में,
दिल से जिसने माना।।
Singer – Shiva Tripathi & Janhavi Vishwakarma
Lyrics – Udaybhan Tripathi
Music Arranger – Ajay Vishwakarma
Video Creations – Chitrakoot Music Production