छोड़ के दुनिया सारी,
आया हूँ तेरी ओर,
थाम लो मेरी बैयाँ,
मेरे साँवरिया चितचोर,
थाम लो मेरी बैयाँ,
मेरे साँवरिया चितचोर।।
तुमसे हमारा नाता,
बरसो पुराना,
तेरा दर ही मेरा बाबा,
आखरी ठिकाना,
सौंप दी तेरे हाथों,
मैंने जीवन की डोर,
थाम लो मेरी बैयाँ,
मेरे साँवरिया चितचोर,
थाम लो मेरी बैयाँ,
मेरे साँवरिया चितचोर।।
जो भी दिया हैं बाबा,
तुमने दिया हैं,
तेरा शुक्रिया हैं बाबा,
तेरा शुक्रिया हैं,
भजन मैं तेरे गाउँ,
होकर के भाव विभोर,
थाम लो मेरी बैयाँ,
मेरे साँवरिया चितचोर,
थाम लो मेरी बैयाँ,
मेरे साँवरिया चितचोर।।
तेरा मेरा रिश्ता जैसे,
दिया और बाती,
तू ही कन्हैया मेरे,
सुख-दुख का साथी,
तेरे सिवा ‘गौत्तम’ को,
ना भाए कोई और,
थाम लो मेरी बैयाँ,
मेरे साँवरिया चितचोर,
थाम लो मेरी बैयाँ,
मेरे साँवरिया चितचोर।।
छोड़ के दुनिया सारी,
आया हूँ तेरी ओर,
थाम लो मेरी बैयाँ,
मेरे साँवरिया चितचोर,
थाम लो मेरी बैयाँ,
मेरे साँवरिया चितचोर।।
गायक / प्रेषक – गौत्तम शर्मा।
7737828030