चोरी चोरी माखन खाइ गयो रे,
वो तो छोरो ग्वाल को।।
हमनें उससे पूछा के नाम तेरा क्या है,
कृष्ण कन्हैया बताई गयो रे,
वो तो छोरो ग्वाल को।।
मैंने उसे पूछा के गाँव तेरा क्या है,
गोकुल मथुरा बताए गयो रे,
वो तो छोरो ग्वाल को।।
मैंने उसे पूछा माँ बाप तेरे कौन है,
नन्द यशोदा बताए गयो रे,
वो तो छोरो ग्वाल को।।
मैंने उसे पूछा के खाना तेरा क्या है,
माखन मिश्री बताए गयो रे,
वो तो छोरो ग्वाल को।।
मैंने उसे पूछा श्रृंगार तेरा क्या है,
मोतियन की माला बताए गयो रे,
वो तो छोरो ग्वाल को।।
मैंने उसे पूछा के काम तेरा क्या है,
गैया चराना बताई गयो रे,
वो तो छोरो ग्वाल को।।
मैंने उसे पूछा के प्यारी तेरी कौन है,
राधा रानी जी बताई गयो रे,
वो तो छोरो ग्वाल को।।
चोरी चोरी माखन खाइ गयो रे,
वो तो छोरो ग्वाल को।।