मात पिता कलयुग रा सुणज्यो,
थोडो ध्यान थे धरलिज्यो,
छोटी उमर में बेटा बेटी ने,
मोबाइल थे मत दीज्यो,
मोबाइल थे मत दिज्यो।।
लाड लडावो आछ्यो खिलाओ,
आछ्यो कपडों पेराज्यो,
आछी शिक्षा दिज्यो वाने,
मंदिर जाबो बतलाओ,
मंदिर तो नहीं जावे लालो,
पीच्चर देखबा ने चाल्यो,
छोटी उमर मे बेटा-बेटी ने,
मोबाइल थे मत दीज्यो,
मोबाइल थे मत दिज्यो।।
घर सु निकली लाडकडी या,
कोलेजा में चाली जी,
माँ बापा ने धोखो देवे,
झूठी क्लासा लागी जी,
काण कायदो घर को भुली,
जा कोलेजा देख्याज्यो,
छोटी उमर मे बेटा-बेटी ने,
मोबाइल थे मत दीज्यो,
मोबाइल थे मत दिज्यो।।
रोज रोज टीवी में देखा,
गेंगरेप ये बडर्या जी,
संसकार सब भुल्या भाया,
कपडा छोटा पडर्या जी,
गेंगरेप बडबा को कारण,
खुद की कमी ने सुधराज्यो,
छोटी उमर मे बेटा-बेटी ने,
मोबाइल थे मत दीज्यो,
मोबाइल थे मत दिज्यो।।
खुद की कमी खुद ने ही खागी,
कलयुग भारी आयो जी,
हाल अभी तो चालु होया,
कलयुग गणों है बाकी जी,
देव शर्मा लिख लिख गायों,
बात म्हारी सुण लीजो,
छोटी उमर मे बेटा-बेटी ने,
मोबाइल थे मत दीज्यो,
मोबाइल थे मत दिज्यो।।
मात पिता कलयुग रा सुणज्यो,
थोडो ध्यान थे धरलिज्यो,
छोटी उमर में बेटा बेटी ने,
मोबाइल थे मत दीज्यो,
मोबाइल थे मत दिज्यो।।
गायक / प्रेषक – देव शर्मा आमा।
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