छुपे हुए हो तुम कहाँ,
नहीं कोई अता पता,
मैं ढूंढता हूँ सांवरे,
कहाँ मिलोगे ये बता,
छुपे हुए हों तुम कहाँ।।
देखे – छुपे बैठे हो कण कण में।
पुकारता रहा तुझे,
दुआ सुनोगे कब मेरी,
ज़रा सा ये बता मुझे,
दया मिलेगी कब तेरी,
कहीं मैं आज रो पडूं,
ना और अब मुझे सता,
मैं ढूंढता हूँ सांवरे,
कहाँ मिलोगे ये बता,
छुपे हुए हों तुम कहाँ।।
ये तेरे मेरे बीच की,
मिटेंगी कैसे दूरियाँ,
ना जाने ये जुदाई की,
कटेंगी कैसे बेड़ियाँ,
ये फांसले बने है क्यूँ,
तू आके अब इन्हें मिटा,
मैं ढूंढता हूँ सांवरे,
कहाँ मिलोगे ये बता,
छुपे हुए हों तुम कहाँ।।
जिया में मेरे जल रही,
दीदार की ये आग है,
जुबाँ ये मेरी गा रही,
बिरह के सूनी राग है,
ये ‘हर्ष’ घुट रहा तेरा,
तू आके आग ये बुझा,
मैं ढूंढता हूँ सांवरे,
कहाँ मिलोगे ये बता,
छुपे हुए हों तुम कहाँ।।
छुपे हुए हो तुम कहाँ,
नहीं कोई अता पता,
मैं ढूंढता हूँ सांवरे,
कहाँ मिलोगे ये बता,
छुपे हुए हों तुम कहाँ।।
Singer – Rajneesh Sharma