चुरू वाले चले आओ,
कहाँ हो,
सुनलो आवाज ओ बाबा,
जहाँ हो,
चुरू वाले चले आओं,
कहाँ हो।।
तर्ज – अकेले है चले आओ।
तुम्हे सब कुछ पता है,
मेरी क्या ये खता है,
मैं हारा हूँ जहाँ से,
न मिलता रास्ता है,
चुरू वाले चले आओं,
कहाँ हो।।
दिल में है जो जख्म ओर गम,
लगादो उस पे मरहम,
अगर तुम न सुनोगे तो,
कहाँ जाये बता हम,
चुरू वाले चले आओं,
कहाँ हो।।
तुम्हे दिल में बसाकर,
देव ‘दिलबर’ ने रखा,
कोई तेरे सिवा न,
हमपे बाबा रहम कर,
चुरू वाले चले आओं,
कहाँ हो।।
चुरू वाले चले आओ,
कहाँ हो,
सुनलो आवाज ओ बाबा,
जहाँ हो,
चुरू वाले चले आओं,
कहाँ हो।।
सिंगर – देव बाम्बीवाल।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन, म.प्र. 9907023365